भारत की राष्ट्रभक्ति
भारत की राष्ट्रभक्ति
धरती माता, भारतमाता, वन्देमातरम् आदि मातृशक्ति का शाब्दिक महत्व और अर्थ मेरे भारत के लोगों द्वारा अपने देश को स्वतंत्र भारत व अखंड भारत रूप में देखा जाता है।
भारतीय दर्शन और संस्कृति के अनुसार जब पूरे विश्व की धरती 'माता' स्वरूप पूजनीय है फिर चाहे वह धरती आकाश पाताल तीनों लोकों में किसी भी देश या काल के समुद्र की गहराइयों, पर्वत शिखरों पर ही स्थित क्यों न हो; तो नारी की देवी समान पूजा करने वाले धर्म परायण समृद्ध भारत की धरती को 'भारतमाता' कहने और उसकी जय बोलने में हमें गर्व होता है।
तोलाराम उपाध्याय 'घंटेवाला'
बीकानेर (राजस्थान)
भारतीय दर्शन और संस्कृति के अनुसार जब पूरे विश्व की धरती 'माता' स्वरूप पूजनीय है फिर चाहे वह धरती आकाश पाताल तीनों लोकों में किसी भी देश या काल के समुद्र की गहराइयों, पर्वत शिखरों पर ही स्थित क्यों न हो; तो नारी की देवी समान पूजा करने वाले धर्म परायण समृद्ध भारत की धरती को 'भारतमाता' कहने और उसकी जय बोलने में हमें गर्व होता है।
तोलाराम उपाध्याय 'घंटेवाला'
बीकानेर (राजस्थान)
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